Hindi NewsNationalMukesh Ambani Z+ Security Cost | Supreme Court On Mukesh Ambani Family Foreign Security
नई दिल्ली7 दिन पहले
मुकेश अंबानी के परिवार की ये फोटो उनके बेटे अनंत अंबानी की सगाई की है।
उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को भारत के साथ विदेशों भी Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाएगी। अब तक इस सुरक्षा का खर्चा केंद्रीय गृह मंत्रालय उठाता था, लेकिन अब अंबानी परिवार उठाएगा। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी पर प्रति व्यक्ति 40 से 45 लाख रुपए महीना खर्च होता है।
58 कमांडो करते हैं अंबानी की सिक्योरिटीCRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सिक्योरिटी में 24 घंटे तैनात रहते हैं। ये कमांडो जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं।
बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में VVIP की सबसे हाई लेवल की सुरक्षा है, इसके तहत 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल होते हैं। पहले से ही अंबानी की सिक्योरिटी में राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं।
मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया पर आम दिनों में भी सख्त सुरक्षा इंतजाम रहते हैं। पिछले महीने मिली धमकी की शिकायत के बाद उनकी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी।
मुकेश अंबानी के पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भीCRPF के अलावा मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के यानी निहत्थे होते हैं। उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात ये प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स भी क्राव मगा (इजराइली मार्शल आर्ट) में ट्रेंड हैं। ये गार्ड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं, जिनमें भारतीय सेना के रिटायर्ड और NSG के जवान भी शामिल हैं।
पहले नीता अंबानी को Y+ सिक्योरिटी थीमुकेश अंबानी को साल 2013 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिलने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने Z+ सिक्योरिटी मुहैया कराई थी। उनकी पत्नी नीता अंबानी को 2016 में केंद्र सरकार ने Y+ सिक्योरिटी प्रदान की थी। उनके बच्चों को भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ग्रेडेड सुरक्षा दी जाती है।
पिछले महीने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिली थी। मामले में विष्णु विभु भौमिक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था।
29 जून 2022 को अंबानी की सिक्योरिटी हटाने के खिलाफ दाखिल हुई थी याचिकामुकेश अंबानी की सिक्योरिटी के खिलाफ विकास साहा नाम के शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में पिछले साल 29 जून को जनहित याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब करते हुए उस खतरे के आकलन की डिटेल मांगी थी, जिसके आधार पर अंबानी और उनके परिवार को सिक्योरिटी दी गई।
इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि किसी परिवार को दी गई सिक्योरिटी जनहित का मुद्दा नहीं है और अंबानी की सिक्योरिटी का त्रिपुरा से कोई लेना-देना भी नहीं है। जिसके बाद त्रिपुरा हाईकोर्ट से जारी निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को स्टे लगा दिया था।
अंबानी के काफिले में करीब 8 गाड़ियां शामिल रहती हैं, जिनमें मर्सिडीज, BMW और रेंज रोवर जैसी महंगी गाड़ियां शामिल हैं, जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है।
फरवरी 2021 में एंटीलिया के पास विस्फोटक भरी कार मिली थीफरवरी 2021 में एंटीलिया के बाहर से विस्फोटक से लदी एक SUV बरामद की गई थी, जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक चिट्ठी मिली थी। चिट्ठी में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को धमकी दी गई थी। इस केस में मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वझे का नाम आया था। अभी NIA इस केस की जांच कर रही है।
फरवरी 2021 में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास यह SUV संदिग्ध हालत में खड़ी मिली थी। इसके अंदर से विस्फोटक बरामद हुआ था।
Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी पाने वाले देश के पहले बिजनेसमैन हैं मुकेश अंबानीमुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे अब Z+ कर दिया गया है। अंबानी को ये सिक्योरिटी खुफिया एजेंसियों के तरफ से उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई है। अंबानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद UPA सरकार ने 2013 में Z सिक्योरिटी देने का फैसला किया था।
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